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मशहूर सितार वादक पंडित रविशकर का बुधवार सुबह अमेरिका के सेन डियागो में निधन हो गया। उन्हें कई दिनों से सांस लेने में तकलीफ थी। वह 92 साल के थे। पंडित रविशंकर का जन्म 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में हुआ था।
पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित पंडित रविशंकर के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, जावेद अख्तर समेत कई दूसरे जानी मानी शख्सियत ने शोक जताया है। जावेद अख्तर ने पंडितजी के निधन पर कहा कि देश का संगीत अनाथ हो गया।
रविशंकर भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक ऐसा चेहरा जिन्हें विश्व संगीत का गॉडफादर कहा जाता था। पंडित रविशकर देश के उन प्रमुख साधकों में से थे, जो देश के बाहर काफी लोकप्रिय हैं। वे लंबे समय तक तबला उस्ताद अल्ला रक्खा खां, किशन महाराज और सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान के साथ जुड़े रहे।
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महिला की मौत के बाद ‘गर्भपात’ पर बहस
आयरलैंड के एक अस्पताल में भारतीय मूल की एक गर्भवती महिला की मौत का मामला गरमाता दिख रहा है. मृत महिला के पति ने कहा है कि उनकी पत्नी जीवित होतीं, अगर उन्हें गर्भपात कराने की अनुमति मिल गई होती.
सविता हलप्पनवार के परिवार वालों ने कहा है कि सविता गर्भपात कराने की मांग कई बार कर चुकी थीं. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उनके पति ने बीबीसी को बताया कि डॉक्टरों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था क्योंकि सविता का भ्रूण जीवित था.सविता की मौत 28 अक्तूबर को हुई. उनकी मौत दो पहलूओं के चलते जांच का विषय है. आयरिश टाइम्स के मुताबिक सविता की मौत के दो दिन बाद हुई शव परीक्षण के मुताबिक उनकी मौत सेप्टिसीमिया (घाव के सड़ने) की वजह से हुई.31 साल की भारतीय मूल की सविता हलप्पनवार यहां डेंटिस्ट के तौर पर काम कर रही थीं.
“यह हमारी पहली संतान थी, पहली बार वह गर्भवती बनी थी, आप समझ रहे हैं ना वो कितनी ख़ुश होगी. सब कुछ ठीक चल रहा था, वह काफी उत्साहित भी थी. लेकिन शनिवार की रात सबकुछ बदल गया”उनके पति प्रवीण हलप्पनवार ने बताया है कि यूनिवर्सिटी अस्पतॉल गॉलवे के कर्मचारियों ने बताया कि आयरलैंड एक कैथोलिक देश है.उन्होंने बताया कि कठिनाई शुरू होने से पहले सविता की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था. प्रवीण ने कहा, “उन्हें काफी दर्द होने लगा था, तब हम यूनिवर्सिटी अस्पतला आए.”प्रवीण के मुताबिक सविता का दर्द लगातार जारी था, ऐसे में वह गर्भपात कराने को कह रही थी लेकिन अस्पताल वालों ने यह कह मना कर दिया कि कैथोलिक देश में उसे गर्भपात नहीं कराना चाहिए.प्रवीण के मुताबिक सविता ने चिकित्सकों से कहा भी कि वह हिंदू है, कैथोलिक नहीं तो उन पर यह कानून क्यों थोपा जा रहा है. ऐसे में चिकित्सक ने माफ़ी मांगते हुए कहा- दुर्भाग्य से यह एक कैथोलिक देश है और यहां के कानून के मुताबिक हम जीवित भ्रूण का गर्भपात नहीं करेंगे.
प्रवीण ने कहा, “मेरे पास बुधवार की देर रात साढ़े बारह बजे फोन आया कि सविता की ह्रदय गति तेजी से बढ़ रही है और हम उन्हें आईसीयू में ले जा रहे हैं. इसके बाद हालात ख़राब होते गए. शुक्रवार को मुझे बताया गया कि सविता की तबियत बेहद ख़राब है.”प्रवीण के मुताबिक सविता के कुछ अंगों ने तब तक काम करना बंद कर दिया था. 28 अक्तूबर यानी रविवार को सविता की मौत हो गई.
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गुजरात में मतदान के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार की अवधि खत्म होते ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने एलान कर दिया सरकार सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार है। लेकिन चंद मिनटों बाद ही अप्रत्याशित रूप से सक्रिय होते हुए चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया और साथ ही इस फैसले को लागू नहीं करने का निर्देश जारी कर दिया। सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों का कोटा बढ़ाने को लेकर सरकार ने अपने पत्ते तो खोल दिए लेकिन यह मामला चुनाव आचार संहिता में फंस गया है.
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