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बहुचर्चित कोयला घोटाले में सीबीआई आज शीर्ष अदालत में हफनामा दायर कर यह स्पष्ट करेगी कि सरकार से स्टेटस रिपोर्ट साझा करने के बाद उसमें कोई बदलाव किए गए थे या नहीं। हालांकि सीबीआई का दावा है कि इस मामले की जांच में उसने पूरी पारदर्शिता बरती है और न्यायालय में दाखिल की गई रिपोर्ट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था।उधर, न्यूज चैनलों के मुताबिक, कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को हलफनामे की भाषा नरम करने को कहा। इसके साथ ही कानून मंत्री ने हलफनामे के तीन अनुछेदों में भी बदलाव कराए थे।
इससे पहले छह मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हलफनाम दायर किया गया था, जिसे न्यायालय में दाखिल करने से पहले सरकार से साझा करने को लेकर बवाल मचा हुआ है और सीबीआई की भूमिका कठघरे में है। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि सबूत मिलने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दावा यह भी किया गया है कि कानून मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और पीएमओ को रिपोर्ट दिखाने के बाद सीबीआई ने जांच रिपोर्ट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था।
इससे पहले 12 अप्रैल को सुप्रीप कोर्ट ने रंजीत सिन्हा को हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या कोयला घोटाले की रिपोर्ट किसी से सांझा की गई थी या नहीं। इस पर रंजीत सिन्हा ने 26 अप्रैल को हलफनामा दाखिल कर यह माना था कि स्टेटस रिपोर्ट को कानून मंत्रालय, पीएमओ ऑफिस और कोयला मंत्रालय को दिखाई गई थी।इसके बाद विपक्ष ने सीबीआई पर रिपोर्ट को बदल कर कोर्ट में दाखिल करने का आरोप लगाया था और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। लेकिन पीएम ने विपक्ष की मांग खारिज कर दी। इसके बाद इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक जम कर हंगामा जारी है। बहरहाल सीबीआई की दोनों रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के पास है और 8 मई को इस पर सुनवाई होगी। इसके साथ कानून मंत्री अश्विनी कुमार का भी भविष्य तय होगा
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